आप में से ज्यादातर लोगों ने life में कभी न कभी कोई coaching classes ज़रूर attend की होगी। और कुछ ने IIT और अन्य engineering colleges के लिए भी तैयारी की होगी। आप लकी थे कि आपके parents coaching की भारी भरकम fees afford कर पाए, लेकिन भारत में ऐसे करोड़ों बच्चे हैं जिनके माता-पिता अपने बच्चों को कोचिंग में नहीं भेज पाते। और ऐसे ही कुछ प्रतिभाशाली बच्चों के लिए बिहार का एक शख्श अँधेरे में रौशनी की किरण का काम करता है।

जी हाँ, हम बात कर रहे हैं Super 30 के संस्थापक आनन्द कुमार जी के बारे में जो बिना एक पैसे शुल्क लिए गरीब प्रतिभाशाली बच्चों का IIT जाने का सपना साकार करते हैं। आइये जानते हैं उनकी कहानी।

1.क्या है Super 30?
Super 30 आनंद जी का स्टार्ट किया हुआ एक प्रोग्राम है जिसके अंतर्गत वे हर साल पूरे बिहार* से ३० ऐसे बच्चों को चुनते हैं जो प्रतिभाशाली हैं पर साथ ही इतने गरीब हैं कि उनके माता-पिता उनको ठीक से पढ़ा-लिखा नहीं सकते। आनंद जी एक परीक्षा के माध्यम से ऐसे बच्चों का चयन कर अपने साथ रखते हैं और उनकी पढाई-लिखाई से लेकर खाना-पीना रहना…हर एक चीज का खर्च खुद उठाते हैं।

2.Super 30 की शुरुआत और उसके पीछे की प्रेरणा

आनंद जी स्वयं एक प्रतिभाशाली छात्र थे औ इसी के बल पर उनका चयन दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित Universities में से एक Cambridge University में हो गया था। पर गरीबी के कारण वे खुद वहां जाने का खर्च नहीं उठा सकते थे और समाज से भी उन्हें कोई मदद नहीं मिली…बचपन से गरीबी का दर्द झेल रहे आनंद ने मन ही मन फैसला किया कि वे ऐसे ज़रुरत मंद बच्चों के लिए ज़रूर कुछ करेंगे। और आगे चल कर जब आनंद जी ” Ramanujan School of Mathematics” नाम से एक ट्यूशन सेंटर चला रहे थे तब एक दिन बिहार शरीफ का एक छात्र उनके पास आया और बोला कि,” मेरे पास पैसे नहीं हैं क्या मैं आपसे पढ़ सकता हूँ…मैं बाद में जब बाउजी खेत से आलू उखाड़ेंगे तब पैसे दे दूंगा….”

बच्चे की ये बात आनंद जी के दिल को छू गयी और उसी पल उन्होंने Super 30 की शुरुआत करने का फैसला किया।

आनन्द जी का मानना है कि-

पढाई – लिखाई का लाभ हम अकेले ही उठाते रहे और दूसरों का उससे कुछ भला न हो तो ऐसी पढाई – लिखाई किस काम की । शिक्षा की उपयोगिता तभी है जब उसका अधिक से अधिक लाभ दूसरों को मिले ।

3.आनंद कुमार का छात्र जीवन और संघर्ष -

Super 30 के संस्थापक आनंद कुमार जी का बचपन बहुत ही संघर्षपूर्ण रहा । इनका जन्म 1 January 1973 को पटना में हुआ था। इनके पिता डाक विभाग में क्लर्क थे । पिता की तनख्वाह में घर का खर्च किसी तरह से तो चल जा रहा था लेकिन इतनी income नहीं थी कि आनन्द का एडमिशन किसी अच्छे स्कूल में करा सके ।

इनकी स्कूली शिक्षा की शुरुआत सरकारी स्कूल से हुई । Talent के धनी आनन्द जी का मनपसन्द subject Math था । लेकिन इनका talent आर्थिक तंगी के बोझ तले दब जा रहा था । पिताजी की मृत्यु के बाद घर चलाने के लिए माताजी पापड़ बनाती और आनंद साइकल पर सवार हो झोले में पापड़ रख जगह-जगह पहुंचाने और बेचने का काम करने लगे। कई बार जब पापड़ नहीं बिकते तो परिवार के पास खाने के भी पैसे नहीं हो पाते और सभी को भूखे पेट सोना पड़ता।

जब एक बार उनसे “गरीबी” के बारे में बताने के लिए कहा गया तो वे बोले-

गरीबी कोई बताने की चीज नहीं है ये महसूस करने की चीज है…अगर गरीबी को महसूस करना है तो एक-दो दिन भूखे रह कर देखो….

आनंद चाहते तो पिताजी की मृत्यु के बाद उनकी जगह पर उन्हें सरकारी नौकरी मिल सकती थी…पर बचपन से ही Maths teacher बनने का सपना देखने वाले आनंद ने सोचा कि अगर वे इस चक्कर में पड़े तो कभी भी उनका सपना पूरा नहीं हो पायेगा और उन्होंने नौकरी नहीं की।

4.पढ़ाने की शुरुआत
1992 में आनन्द जी Mathematics की कोचिंग शुरू की और अपने institute का नाम रखा Ramanujan School of Mathematics. उनके पढ़ाने का style और विषय पर पकड़ इतनी अच्छी थी कि कुछ ही समय के अंदर उनकी ख्याति दूर दूर तक फ़ैल गयी। कुछ छात्रों से शुरू हुई coaching बढ़ते बढ़ते 500 छात्रों तक पहुँच गयी।
सरकार से अपील
IITJEE प्रवेश परीक्षा का लेवल बहुत कठिन होता है जिसके लिए कई बार कोचिंग जाना मजबूरी बन जाती है और गरीब छात्र यहाँ मात खा जाते हैं। इसलिए इस परीक्षा का level क्लास 12th के हिसाब से होना चाहिए और स्टूडेंट्स को कम से कम ३ मौके मिलने चाहिए.

5.जीवन का लक्ष्य
कभी किसी पढने वाले बच्चे की पैसों के चलते पढाई न रुके।

6.छात्रों और युवाओं के लिए सन्देश
मेहनत करो…निराश मत हो…हमेशा ये सोचो कि लाइफ में अन्धकार आता है…तकलीफें आती हैं…ये part of life है। अँधेरा जितना गहरा होता है…खुश हो कि नयी सुबह उतनी ही करीब है….बस शर्त इतनी है कि “मेहनत करो” मेहनत करोगे तो एक न एक दिन तुम्हारे जीवन में  प्रकाश ज़रूर आएगा।

“बुझी हुई शमा फिर से जल सकती है

भयंकर तूफ़ान से भी कश्ती निकल सकती है

निराश न हो दोस्तों….एक दिन अपनी भी किस्मत बदल सकती है।
Source. -Internet  ,Wikipedia, news paper, tech websites. ..

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